बस्तीः दुबौलिया विकास खंड के ऊंजी ग्राम पंचायत के उमरिया गांव में स्थित बाबा राम निहाल दास मंदिर उपेक्षा का शिकार है। परिसर में सफाई का अभाव है। मंदिर परिसर में बने पोखरे की सीढ़ियों पर गंदगी फैली हुई है। पोखरे में पानी भी काफी दिन का लग रहा है। श्रद्धालुओं के लिए बना विश्रामालय भी बदहाल है। इसमें कुछ लोग कास व मूज रखे हुए हैं। यहां तक को परिसर में लगा हाईमास्ट लाइट भी खराब है। एक दो लाइटें हो जलती हैं। सफाईकर्मी नहीं दिखाई पड़ते है, जिसकी वजह से परिसर की सफाई नहीं हो पा रही है। मंदिर के पुजारी ही थोड़ा बहुत परिसर की सफाई करते है।
मंदिर परिसर में 15वां वित्त से वर्ष2020-21 में निर्मित सार्वजनिकबाबा राम निहाल बस कुटी जगनरणपार्कनुमा बने परिसर में फैली गंदगी माकरणशौचालय का लोकार्पण हुआ था। रखरखाव के अभाव में यह बदहाल हो गया है। दो-तीन रूम में तो ताला लटका रहता है। जिस रूम का दरवाजा खुला है, उसमें गंदगी फैलो हुई है। यहां तक की शौचालय की सोट तक नहीं लगाई गई है। देखने से लगता है कि यहां कभी सफाई नहीं की जाती है। मंदिर परिसर को और भी आकर्षक बनाने के लिए एक पोखरा बनाया गया था। चारो तरफ से सीढ़ी भी बनाई गई थी। उपेक्षा के चलते सीहियों पर गंदगी फैली हुई है।
पोखरे के किनारे किनारे बनाए गए विश्रामालय भी बदहाल हो गए है। किसी में गोबर है तो किसी में मूज व कास रखा गया है। बगल में पाकंनुमा बना परिसर भी उपेक्षित है। घास फूस उग आए है। बीच में बने इंटरलाकिंग पर भी गंदगी फैली हुई है। मंदिर के पुजारी झिनकान तिवारी ने कहा कि मंदिर परिसर की सफाई के लिए कोई भी सफाई कर्मी नहीं आता है।
कहा कि इतना बड़ा मंदिर परिसर है, वह अकेले पूरी सफाई नहीं कर पाते हैं। थोड़ी बहुत ही सफाई कर पाते हैं। गांव के हीरालाल ने कहा कि मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है, इसकी प्रसिद्धि भी दूर-दूर तक है। उसके बाद यहां विकास की दरकार है। यहां मूलभूत सुविधाओं के साथ ही अन्य सुविधाओं पर ध्यान देने की जरूरत है।नए सार्वजनिक शौचालय का नहीं खुला ताला मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए एक दूसरा नया सार्वजनिक शौचालय बनवाया गया है। लोगों का कहना है कि शौचालय ती बनकर तैयार है, लेकिन अभी तक इसका ताला नहीं खोला गया है।
मंदिर की मान्यताः स्थानीय लोगों के अनुसार सैकड़ों वर्ष पहले यहां याचा रामनिहाल दास तपस्या करते थे, जिन्हें सिद्ध पुरुष माना जाता था। मान्यता थी कि जो भी किसी बीमारी से पीड़ित रहता था, उसे बाचा छू देते थे तो यह ठीक हो जाता था। करानियों के अनुसार बाबा यहां जीवित रहते ही समाधि ले ली थी। बाया द्वारा स्थापित किया गया मंदिर नदी के तट पर स्थित है। लोग मंदिर की परिक्रमा कर मनौती मांगते है। बाबा मनोकामनाएं पूरा होती है।
यम द्वितीय पर लगता है मेलाः बाबा राम निहाल दास कुटी पर यम द्वितीय के दिन बड़ा मेला लगता है। बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। श्रद्धालु बाबा का दर्शन-पूजन कर मनौती मांगते हैं। दूर दराज के लोग भी मेले में पहुंचते हैं। धार्मिक अनुष्ठान भी होते हैं।