Basti News: मां- बेटी हत्याकांड को हुए करीब 40 दिन होने को है। पुलिस मुख्य आरोपित विलोधर का कोई सुराग नहीं लगा सकी। मामले की विवेचना कर रही कप्तानगंज पुलिस से पीड़िता सरिता व उनके स्वजन का भरोसा उठने लगा है। पीड़िता ने अपने जेठ के साथ डीआइजी रेंज से मिलकर मुकदमा को कप्तानगंज थाने से अन्यत्र ट्रांसफर किए जाने का अनुरोध किया है।पीड़िता ने अपने प्रार्थना पत्र में लिखा है कि सेठा गांव की हृदय विदारक घटना में पुलिस की भूमिका पहले दिन से ही निष्पक्ष नहीं रही है।
पुलिस की ओर से किसी प्रकारकी कोई शिथिलता नहीं बरती जा रही है। पुलिस पूरी तत्परता के साथ काम कर रही है। चार आरोपित व एक संरक्षण दाता को मुंबई से पकड़ कर जेल भेजा जा चुका है। संजय सिंह, सीओ, हरैया
हालांकि पूर्व के थानेदार निलंबित किए जा चुके हैं और मौजूदा थानेदार की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है। कप्तानगंज पुलिस से विश्वास उठता जा रहा है। मां-बेटी की हत्या कर उसी घर में शव को जलाने वाला साक्ष्य मिटाने के मामले का मुख्य आरोपित विलोधर के डर से पीड़िता व उसका परिवार भयभीत हैं। अभी तक वह पुलिस की पहुंच से दूर है। मालूम हो कि तीन दिसंबर की रात में एक राय होकर सेठा गांव में घर पर सो रही मां गोदावरी व उसकी बेटी सौम्या की हत्या कर उनके शव को जला दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने मृतका कर बड़ी बेटी सरिता की तहरीर पर मुख्य आरोपित कमलेश उर्फ विलोधर समेत आठ के विरुद्ध हत्या कर शव को जलाने का नामजद मुकदमा दर्ज कराया था।