डा. कपिल यादव फिसर, कम्युनिटी मेडिसिन, एम्स, नई दिल्ली
पर्याप्त सक्रियता नहीं होने और असंतुलित भोजन से मोटापा बहुत आम होता जा रहा है। महिलाओं में यह अपेक्षाकृत अधिक है। वहीं, बच्चों में बढ़ता मोटापा अधिक गंभीर है। यह आधुनिकतावाद से उपजा दुष्यभाव है। घर के भोजन के बजाय लोग बाहर का भोजन करने लगे हैं। यह प्रोसेस्ड या सेमी प्रोसेस्ड होता है, जो सेहत के लिए ग्रनिकारक है। फास्ट फूड की संस्कृति गांवों और कस्बों तक पहुंच गई। आपको पैदल चलकर कहीं नहीं जाना है। हर छोटा बड़ा काम यंत्रों के माध्यम से होने लगा है। इन सबका बड़ा प्रभाव सेहत पर पड़ रहा है।
बच्चों में मोटापा चिंताजनक
बच्चों में तेजी से मोटापा बढ़ रहा है। चीन में तो यह महामारी बन चुका है, वहां 20 से 30 प्रतिशत बच्चे मोटापाग्रस्त हैं। भारत में यह अभी 10 प्रतिशत से कम है, पर वृद्धि हो रही है। आगे यही मोटापा डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ाता है। इससे घुटनों और जोड़ों में दर्द भी होता है।
गंभीरता को समझना जरूरी
भारतीयों कालोगों के पेट के पास फैट जमा हो जाता है। इसमें वजन तो सामान्य ही रहता है, पर व्यक्ति स्वस्थ नहीं रहता। ऐसे मोटापे से हार्टअटैक, डायबिटीजका जोखिम रहता है।
कैसे कम होगा वजन
70-80प्रतिशत मोटापा असंतुलित खानपान से होता है। हमारे शरीर को जितनी जरूरत होती है, उसका औसतन हम डेढ़ गुणा अधिक खाते हैं। दूसरा कारणहै शारीरिक निष्क्रियता। दिनचर्या में व्यायाम के दो फायदे हैं पहला, इससे वजन नियंत्रित रहता है। दूसरा व्यायाम करने से कुछ रसायन रिलीज होते हैं, जो भूख को नियंत्रित करते हैं। इससे आपका मूड भी अच्छा होता है। जो ज्यादा उदास रहते हैं या जिन्हें डिप्रेशन है वे अधिक भोजन करते हैं। चिप्स, वेबरेज आदि बच्चों में मोटापे का बड़ा कारण बन रहा है। एक हमारे सर्वे में पाया गया था कि पांच साल से कम आयु के बच्चे केवल चिप्स और कुरकुरे ही खा रहे थे। सामान्य तौर पर उनके भोजन में कुछ था ही नहीं।
कैलोरी का संतुलन जरूरी
आइसीएमआरने 2023 में कैलोरी इनटेक को संशोधित किया है। शरीर को कैलोरी की आवश्यकता उम्र और काम करने के तरीकों पर निर्भर होती है। आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति 1600 से 2400 कैलोरी लेता है। बैठ कर काम करने और अधिक शारीरिक श्रम करने वाले व्यक्त की कैलोरी जरूरत अलग- अलग होती है। अगर हम दो हजार किलो कैलोरी ले रहे हैं तो उसमें से 1000-1200 कैलोरी सामान्य शरीर के क्रियाकलाप में खपत हो जाता है। शेष कैलोरी के लिए हमें शारीरिक श्रम की जरूरत होती है।