चेक से हाउस टैक्स जमा करने वालों को अब करना होगा यह काम, जानें नया आदेश…

By Arun Kumar

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लखनऊ : नगर निगम ने चेक से हाउस टैक्स जमा करने पर रोक लगा दी है। चेक लेकर आ रहे भवन स्वामियों को वापस किया जा रहा है। साथ ही उन्हें भुगतान करने के अन्य तरीकों के बारे में भी बताया जा रहा है। लगातार बाउंस हो रहे चेक को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। कुछ मामले में आंशिक गलती मिलने या फिर ओवरराइटिंग होने पर बैंक भी चेक को बाउंस कर दे रहे हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में नौ करोड़ की चेक बाउंस हो चुके हैं।

मोबाइल फोन पर क्यूआर कोड की सुविधा

लिहाजा अब राजस्व निरीक्षकों के मोबाइल फोन पर क्यूआर कोड की सुविधा दे दी गई है, जिससे फील्ड पर ही हाउस टैक्स जमा कराया जा सके।पहले नकद और चेक से ही हाउस टैक्स जमा होता था, लेकिन समय के साथ भुगतान के लिए अन्य तरीकों को भी अपनाया गया। जांच में पाया गया कि दबाव पड़ने पर भवन स्वामी चेक से भुगतान तो कर देते हैं, लेकिन वह खाते में पैसा न होने या फिर अन्य कारणों से बाउंस हो जाते हैं। कभी-कभी ऐसे चेकों को भुगतान रजिस्टर में भी दर्ज कर लिया जाता था। ऐसे में मिलान न होने पर नगर निगम को वित्तीय नुकसान भी होता है।

रिपोर्ट

अगर एक अप्रैल से दस अक्टूबर की रिपोर्ट को देखा जाए तो 12,852 लोगों ने चेक से भुगतान किया, जिसमें 62.02 करोड़ की रकम जमा हुई है।नंवर बढ़ाने के लिए ले लेते थे चेक वसूली में अपना नंबर बढ़ाने के लिए दबाव बनाकर भवन स्वामियों से चेक ले लिया जाता था। ऐसा करने से संबंधित निरीक्षक की वसूली का प्रतिशत तो बढ़ जाता, लेकिन चेक बाउंस होने से नगर निगम को नुकसान हो रहा था। इसी तरह बकायेदारों पर कार्रवाई के दौरान भवन स्वामी दबाव में चेक दे देते थे।

संपत्ति

ऐसे में उनकी संपत्ति सील होने से बच जाती, लेकिन बाद में चेक बाउंस हो जाते थे।यहां पर जमा कर सकते हैं टैक्स नगर निगम ने हाउस टैक्स जमा करने के लिए कई विकल्प दिए है। इनमें नकद, आरटीजीएस, नेफ्ट, क्यूआर कोड, डेबिट और क्रेडिट कार्ड, भारत विल पेमेंट सिस्टम के साथ ही Imc.up.nic.in पर भी भुगतान की सुविधा है।

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी

नगर निगम ने चार दिनों से चेक हाउस टैक्स जमा करने पर रोक लगा दी है। काउंटर और फील्ड पर चेक से भुगतान लेने के लिए कर्मचारियों को मना कर दिया गया है। चेक बाउंस होने की लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए ऐसा किया गया है। कभी खाते में पैसा न होने से चेक बाउंस हो रहे हैं तो कभी ओवर राइटिंग व अन्य कारणों से। इससे नगर निगम की आय पर असर पड़ रहा था। पिछले वित्तीय वर्ष में नौ करोड़ की चेक बाउंस हुए थे।

अशोक कुमार सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम

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