यूपी, अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के अस्पताल में कार्डियोलाजिस्ट के पद पर तैनात रहे फर्जी डा. विनोद सिंह के प्रकरण में एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आयी है। अब उसको हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के प्रमाणपत्र जारी करने वाला कालेज ही नहीं मिल रहा है। इसका राजफाश प्रमाणपत्रों को प्रमाणित कराने के लिए स्कूल के पते पर भेजी गयी दोनों रजिस्ट्रियां प्रतापगढ़ में स्कूल का पता न मिलने पर वापस आने से हुआ है।
चरित्र प्रमाणपत्र भी फर्जी
इसी तरह लखनऊ के रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय राजाजीपुरम से जारी चरित्र प्रमाणपत्र भी फर्जी मिला है। फर्जी डाक्टर के खिलाफ अब शासन के निर्देश पर प्रभारी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. उत्तम कुमार ने कोतवाली नगर में मुकदमा पंजीकृत कराया है।विनोद सिंह की तैनाती शासन कीओर से गत वर्ष छह सितंबर को जिला अस्पताल में हुई थी। 26 सितंबर को उसने जिला अस्पताल पहुंच कर कार्यभार ग्रहण कर लिया।
इसके बाद तत्कालीन प्रभारी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. वृजकुमार ने बगैर प्रस्तुत प्रमाणपत्रों का परीक्षण कराए ही वेतन निर्गत कर दिया। आठ माह तक फर्जी चिकित्सक मरीजों की जिंदगी के साथ खेलता रहा और किसी को इसकी भनक भी नहीं लगी। इसी बीच डा. उत्तम कुमार को सीएमएस का चार्ज मिला तो उन्होंने 29 अप्रैल और तीन मई को मानव संपदा पोर्टल पर पी-2 अपलोड करने के लिए विनोद सिंह से सभी मूल प्रमाणपत्र मांगे। संदेह होने पर चार मई को डिग्री परीक्षण के लिए अधिष्ठाता चिकित्सा संकाय किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ को भेजी गयी। सात मई को वहां से पत्र से डाक्टर आफ मेडिसिन (एमडी) इंटर्नल मेडिसिन की डिग्री जारी न होने की जानकारी दी गई।
इसके बाद अस्पताल की तरफ से 15 व 22 मई को हाईस्कूल और इंटर का प्रमाणपत्र जारी करने वाले जनता इंटर कालेज रानीगंज प्रतापगढ़ को डाक से भेजा गया तो डाक विभाग ने पता और कालेज होने की बात कर वापस कर दिया।
इसी तरह रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय के डा. हर्ष ने भी 27 मई को पत्र भेजकर अपनी तरफ विनोद सिंह का चरित्र प्रमाणपत्र जारी करने की जानकारी दी है।
ज्वाइनिंग के वाद ही दो माह का दे दिया गया था अवकाश
26 सितंबर को जिला अस्पताल में ज्वाइनिंग के बाद विनोद सिंह दो माह के मेडिकल अवकाश पर चला गया। इसके बाद भी तत्कालीन सीएमएस डा.बृजकुमार पत्रावलियों के बगैर परीक्षण और नियम विरुद्ध तरीके से वेतन जारी कर फर्जीवाड़े में भागीदार बनते रहे, लेकिन रिपोर्ट में उनका नाम शामिल नहीं है।
राष्ट्रपति व पीएम की ड्यूटी कर चुका फर्जी चिकित्सक
रामनगरी में एक मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु तथा पांच मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन में फर्जी डा. विनोद सिंह ड्यूटी दे चुका है। इससे विशिष्टजन की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आ चुकी है, लेकिन मुकदमा दर्ज कराने में विभाग को तीन माह लग गए।