यूपी, बस्ती। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के थाना क्षेत्र कप्तानगंज के सेठा गांव में मां-बेटी की हत्या के दूसरे दिन गुरुवार को मायके, पैत्रिक गांव व नेवासे वाले गांव समेत तीनों स्थानों पर सन्नाटा छाया रहा। परिवार व ग्रामीण सदमे से नहीं उबर पाए हैं। गांव की गलियों व चौराहों पर सन्नाटा पसरा रहा। परिवार व आसपास के घरों में दूसरे दिन भी चूल्हे नहीं जले। पोस्टमार्टम हाउस पर मृतका गोदावरी की बड़ी बेटी सरिता, उनके पति बबलू व उनके भाई ही मिले, जबकि सेठा गांव लोग नहीं आए। यहां सीएमओ की ओर गठित चिकित्सकों के पैनल ने मां-बेटी के शव का पोस्टमार्टम किया। उसके बाद दोनों के शव का देर शाम कुआनो नदी स्थित मूड़घाट पर दामाद बबलू ने एक ही चिता पर मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार कर दिया। यहां भी दामाद व उनके स्वजन ही शामिल हुए।
पशुओं के चारा पानी की अविलंब व्यवस्था कराई जा रही है। साथ ही बुजुर्ग माता जी के भोजन की भी व्यवस्था कराई जा रही है। –प्रदीप कुमार त्रिपाठी, सीओ, कलवारी
आधी रात में हत्या करके भागे थे आरोपी
मां बेटी की निर्मम हत्या करने के बाद हत्यारों ने केमिकल और ज्वलनशील पदार्थ डालकर दोनों शवों को आग लगाई थी। चर्चा यह भी है कि रात नौ बजे घर में कुछ खटपट हुई थी, लेकिन डर के नाते किसी पड़ोसी की दरवाजे तक जाने की हिम्मत नहीं हुई। आसपास के घरों के लोग बताते हैं कि हल्का धुंआ सबको दिखाई दे रहा था, लेकिन घर तक जाने की हिम्मत किसी की नहीं थी। जब गोदावरी देवी की बेटी सरिता ने फोन करके एक लड़की को मां से बात कराने के लिए भेजा, तब मामला उजागर हुआ। पुलिस ने कमरे से डोरी सहित कई सामान कब्जे में लिया है।
गांव में गम और गुस्से के साथ छाया सन्नाटा
कप्तानगंज सेंठा गांव में मां-बेटी की हत्या की दुस्साहसिक वारदात ने हर किसी को झकझोर दिया है। घटना को लेकर हर कोई आरोपितों को कोस रहा है। घटना के दूसरे दिन गुरुवार को गांव में गम और गुस्से के साथ मातम पसरा दिखा। आरोपितों के घरों पर ताला लटकता मिला। पुलिस भी गांव में मुस्तैद दिखी। गांव की गलियां और रास्तों पर अधिकतर समयसन्नाटा ही पसरा रहा।
आरोपी कमलेश पर दर्ज हैं 11 मुकदमे
कप्तानगंज से सेठा गांव में जिस घर में मां-बेटी की हत्या हुई, उसी से सटे एक घर के बाहर सीसीटीवी कैमरा लगा है। घटना के बाद से इस पर ताला लगाकर लोग फरार हैं। पुलिस इस कैमरे के डीबीआर को हासिल करने में जुटी है, जिससे घटनाक्रम के बारे में अहम सबूत हासिल किया जा सके। दो महिलाओं को हिरासत में लेने के साथ अन्य आरोपितों तक पहुंचने में पुलिस जुटी है।
एक करोड़ रुपये से अधिक की सम्पत्ति पर थी बेटों की नजर
सेंठा गांव में मां बेटी की हत्या के पीछे एक करोड़ से अधिक की सम्पत्ति को असल वजह मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि मरने से पहले अवधेश उपाध्याय ने अपनी दो गांव में स्थित करीब 15 बीघे की जमीन अपनी पत्नी व बेटी के नाम वसीयत कर दी थी। सेंठा के अलावा जोगापुर में यह जमीन है। दोनों गांव की जमीन की लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक की आकी जा रही है। मृतका की बेटी सरिता का आरोप है कि करोड़ों की बेशकीमती जमीन के लिए अपनों ने ही उनकी हत्या कर दी।
अवधेश की दो पत्नियों से हुईं पांच संतानें
गांव वालों के अनुसार अवधेश की दो शादियां हुई थी। पहली शादी नगर थाना क्षेत्र के करहली गांव में 1980 में कौशल्या देवी से हुई थी, जिससे सुधा तथा करुणाकर दो संतानें हुई। 1984 में कौशल्या की बीमारी से मृत्यु हो गई। उस समय करुणाकर केवल एक वर्ष का था। 1985 में अवधेश ने महुली थाना क्षेत्र के हरैया गांव की गोदावरी देवी से शादी कर ली थी, जिससे सरिता, राजेश उर्फ राजन और सौम्या तीन संतानें हुई। 2011 में सरिता की शादी हुई। वह अपने ससुराल गौर थाना क्षेत्र के पटखौली गांव रहने लगी और राजेश अपने पिता अवधेश के ननिहाल में मिले निवासे पर हरैया तहसील क्षेत्र के जोकहा गांव में रहने लगा। अवधेश के जीवन के अंतिम दिनों में पत्नी गोदावरी और छोटी बेटी सौम्या ही रहते थे। पत्नी गोदावरी व बेटी सौम्या को सेठा गांव की जमीन का वसीयत कर दिया था, जो विवाद का मूल कारण बना।