आंकलन, मापन एवं मूल्यांकन के मध्य सम्बन्ध

By Arun Kumar

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आंकलन, मापन एवं भूल्यांकन के मध्य सम्बन्ध – Relationship between Assessment, Measurement and Evaluation

आंकलन मापन तथा मूल्यांकन तीनों घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित हैं। इन तीनों का प्रयोग छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए किया जाता है।

इन तीनों के ही माध्यम से छात्रों की विभिन्न योग्यताओं तथा क्षमताओं की जानकारी प्राप्त होती है। आंकलन सूचना एकत्रित करने की प्रक्रिया है जिससे छात्रों की प्रगति का अवलोकन किया जाता है। आंकलन के लिए विभिन्न परीक्षणों के माध्यम से सूचनाएँ एकत्रित की जाती हैं।

इन विधियों द्वारा प्राप्त सूचनाओं के आधार पर छात्रों का आंकलन किया जाता है। मूल्यांकन के माध्यम से छात्रों के मूल्यों का निर्धारण किया जाता है। मूल्यांकन के माध्यम से किसी मापित मूल्य का आंकलन कर उसकी उपयुक्तता तथा मूल्य का निर्माण किया जाता है। मूल्यांकन में आंकलन द्वारा एकत्रित की गई सूचनाओं के आधार पर ज्ञात किया जाता है कि पूर्व में निर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति किस सीमा तक हुई है।

मूल्यांकन व्यापक, क्रमबद्ध तथा उद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया है। इसके द्वारा छात्र की केवल बौद्धिक उपलब्धि का ही मूल्यांकन नहीं किया जाता बल्कि उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व का भी मूल्यांकन किया जाता है।मापन किन्हीं निश्चित स्वीकृत नियमों के अनुसार वस्तुओं या व्यक्तियों को अंक प्रदान करने की प्रक्रिया है। छात्रों का शैक्षिक मूल्यांकन करते समय मापन के कुछ आधारभूत सिद्धान्तों।

जैसे– प्रतिशतांक पद, विचलन प्राप्तांक, प्रामाणिक प्राप्तांकों का प्रयोग किया जाता है। जिस प्रकार किसी वस्तु का मापन करने के लिए विभिन्न यन्त्रों- पैमाना तथा दूरी नापने के लिए इंची टेप और ताप मापने के लिए थर्मामीटर का प्रयोग किया जाता है, उसी प्रकार किसी छात्र की योग्यता का मापन करने के लिए मापनियों का प्प्रयोग किया जाता है।

अतः स्पष्ट है कि आंकलन, मापन एवं मूल्यांकन तीनों आपस में घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित हैं।

FAQ

Q.आकलन एवं मूल्यांकन में क्या संबंध है?

A. आकलन वर्तमान स्थिति को समझने और सुधार की बात करता है और मूल्यांकन पूर्व निर्धारित मानदंडों या मानकों के आधार पर किसी चीज़ के मूल्य या प्रभावशीलता के बारे में

Q. आकलन मापन एवं मूल्यांकन में क्या अंतर है?

A. मापन का मतलब है सांख्यिकी और किसी के आउटपुट या कौशल को मूल्य देने की क्षमता होना। मूल्यांकन तथ्यों और विशेषज्ञता का उपयोग करके सफलता या विफलता का आकलन करना आसान बनाता है। मूल्यांकन के लिए संख्यात्मक माप की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि यह प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है।

Q. मूल्यांकन का सूत्र क्या है?

A. वर्तमान मूल्य = (परिसंपत्ति मूल्य) / (1 – ऋण अनुपात)

Q. मूल्यांकन कितने प्रकार के होते हैं?

A. मूल्यांकन के तीन प्रकार हैं: निदानात्मक, रचनात्मक और योगात्मक।

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