हुई काव्य पुस्तक तैयार

By Arun Kumar

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कविता की ताकत है वर्मा, प्रतिपल रहता हूँ खुशहाल ।

सदा तरंगित होता रहता, अन्तर्मन में सुर, लय, ताल।।

कविता जिस पर मेहरबान हो, वह दुख में भी सुख पाता है।

उसके जीवन का सागर भी लहर लहर सा लहराता है।।

कविता है ऐसी कल्यानी संकट में भी देती शक्ति।

इसीलिए तो करता आया कविता सें ‘वर्मा’ अनुरक्ति।।

कोरोना के दुखद क्षणों में हमको धैर्य बधाती कविता।

जन सेवा के साथ-साथ ही कविता रोज लिखाती कविता ।।

व्यक्त आज करता है ‘वर्मा’ आप सभी के प्रति आभार।

कोरोना पर लिखते-लिखते हुई काव्य पुस्तक तैयार ।।

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Arun Kumar

MA, B.Ed & MSW

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