लेखपालों को देना होगा जमीनों पर कब्जे न होने का प्रमाण पत्र

By Arun Kumar

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लखनऊ : तमाम दावों के बावजूद सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे हो रहे हैं। राजस्व कर्मियों और प्रापर्टी डीलरों की मिलीभगत के कारण अवैध कब्जे हटाने में प्रशासन को पसीने छूट रहे हैं। मंडलायुक्त डा. रोशन जैकब ने मंगलवार को अफसरों की बैठक बुलाई, जिसमें तहसीलों को निर्देश दिए कि जिन इलाकों में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण नहीं है वहां के लेखपालों से इस बारे में प्रमाणपत्र हासिल करें। अगर कब्जे नहीं हैं तो बताएं, वर्ना कार्रवाई करें।

जो ऐसा नहीं करेगा उसकी सूची बनाएं और कार्रवाई करें।मुख्यमंत्री ने भी सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त करने निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद प्रशासन हरकत में आया है। इसी के चलते खुद मंडलायुक्त सरोजनीनगर और बख्शी का तालाब तहसीलों में जमीन पर कब्जे की शिकायतों की जांच करने पहुंची थीं। मंगलवार को मंडलायुक्त ने सभी तहसीलों के एसडीएम की बैठक बुलाई और सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटाने के निर्देश दिए।

मंडलायुक्त ने कहा, सरकारी जमीनों की पैमाइश, जीएस मैपिंग व जीरो टैगिंग कराई जा रही है। सार्वजनिक भूमि परअवैध कब्जों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए राजस्व व नगर निगम की संयुक्त टीमें गठित की गयी हैं। एसडीएम अब यह सुनिश्चित करें कि जहां पर भी अवैध कब्जों की शिकायतें हैं उनकी सूची बनाएं और कार्रवाई करें।

जहां पर भी प्रापर्टी डीलर या भूमाफिया द्वारा अतिक्रमण किया गया है तत्काल उसका ध्वस्तीकरण करें। मंडलायुक्त ने एसडीएम को नियमित तौर पर लेखपालों और कानून गो की समीक्षा करने को कहा, ताकि पता चल सके उनके क्षेत्र में कितनी जमीन पर अतिक्रमण है। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (एफआर) राकेश सिंह, अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव और उप जिलाधिकारी सरोजनीनगर फाल्गुनी सिंह सहित दूसरी तहसीलों के भी एसडीएम मौजूद थे।

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