आगरा। कोलकाता दुष्कर्म कांड को लेकर देशभर में आक्रोश है। यही आक्रोश 11 वर्ष 3 माह पहले दयालबाग शिक्षण संस्थान (डीईआइ) की लैब में शोध छात्रा की हत्या के बाद शहर में था। अभी तक इस मामले में कोर्ट का फैसला नहीं आया है।
पीड़ित पिता ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द किया साझा
शोध छात्रा के पिता ने रविवार को इंटरनेट मीडिया पर अपना दर्द साझा किया। उन्होंने कहा कि मैं डाक्टर के परिवार का दर्द महसूस कर सकता हूं। क्योंकि मैं भी इसी दर्द से गुजर रहा हूं।
डीईआइ में 15 मार्च 2013 को शोध छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या हुई थी। इस मामले में डीईआइ के अध्यक्ष के धेवते उदयस्वरूप को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पहले पुलिस ने फिर सीबीआइ ने उसके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट लगा दी। एडीजे प्रथम के न्यायालय में मामले का विचारण चल रहा है। अभियोजन पक्ष की गवाही पूरी हो चुकी है। अब बचाव पक्ष की गवाही चल रही है। सोमवार को इस मामले में कोर्ट में तारीख है।
इससे पहले शोध छात्रा के पिता ने फेसबुक पर अपना दर्द लिखा। उन्होंने लिखा है कि अब न्याय का समय आ गया है। पूर्ण न्याय मिलना चाहिए। ऐसी घटना से परिवारों पर कितना बड़ा दर्द का पहाड़ टूटता है वह शब्दों में बयां नहीं हो सकता है। ऐसे मामलों में मृत्युदंड से कम नहीं मिलना चाहिए। कोलकाता मामले में कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। यह अच्छा है।
आरोपित को कानून में कई प्रकार की सुविधाएं हैं, जिनके आधार पर वह ट्रायल को देरी करने का प्रयास करता है और हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट को समय सीमा तय करनी चाहिए। दुष्कर्म और हत्या के मामले समय सीमा में निस्तारित किए जाएं।