कम्प्यूटर का इतिहास – History of Computer

By Arun Kumar

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कम्प्यूटर शब्द इतना अधिक प्रचलित हो गया है कि अब सभी व्यक्ति इसके विषय में विस्तार से जानना चाहते हैं। कम्प्यूटर मानवीय जिज्ञासा के चरम रूप में प्रकट हुआ है। कम्प्यूटर से इतने अधिक प्रकार के कार्य कराए जा रहे हैं कि लोग इसे अलादीन का चिराग के रूप में देखने लगे हैं।कम्प्यूटर ऑटोमेटिक मशीन का पर्यायवाची बन चुका है। कम्प्यूटर वह मशीन है जिसे तरह-तरह के कार्यों को स्वचालित रूप से करने के लिए डिजाइन किया जा सकता है।

कम्प्यूटर के जिस सबसे प्रचलित रूप से जनता का वास्ता पड़ता है वह है पर्सनल कम्प्यूटर या पी.सी. (Personal Computer) जिसे हम सूचना के विश्लेषण (Information Processing) के कार्यों में उपयोग करते हैं। ये ही वे कम्प्यूटर हैं जिन्हें हम प्रत्येक ऑफिस, बैंक या आरक्षण कक्ष में देखते हैं।

मनुष्य अपने इतिहास के प्रारम्भ से ही ऐसी मशीनों और उपकरणों के आविष्कार में जुटा रहा है जो मानसिक श्रम वाले कार्यों में उसकी सहायता कर सकें। अपने प्रागैतिहासिक काल में मनुष्य ने सर्वप्रथम Abacus जैसी युक्ति बनाई। अबेकस का विकास सर्वप्रथम चीन में हुआ। बाद में यह मिस्त्र, ग्रीस, रोम, जापान और रूस में प्रयुक्त हुआ। जापान आदि देशों में तो अबेकस का प्रयोग अभी भी किया जाता है। अबेकस की सहायता से गणना काफी तेजी से को जा सकती है। एक लकड़ी के चौखटे पर कई समानान्तर तार लगे होते हैं जिनमें पांच या उससे अधिक मनके (मोती) लगे होते हैं। इन मनकों को एक तरफ खिसका कर जोड़, घटाना, गुणा या भाग की संक्रियाएं की जाती हैं।

इस युक्ति के विकास के पश्चात् कई सदियों तक अथक परिश्रम के बाद मनुष्य ने कई प्रकार की संख्या पद्धतियां बनाईं। जैसे रोमन संख्या पद्धति, जिसका प्रयोग हम आज तक करते हैं। अन्त में डेसीमल पद्धति ही सर्वमान्य हुई और आज सम्पूर्ण विश्व में इसका प्रयोग हो रहा है।

अबेकस के पश्चात् गणना पद्धति के विकास में सबसे गम्भीर योगदान स्काटिश गणितज्ञ जॉन नेपियर का रहा जिन्होंने हाथी दांत की आयताकार छड़ों पर अंकों को खोदकर संगणना की नई विधि को जन्म दिया, जिसे नेपियर-बोन्स के नाम से जाना गया। दी हुई संख्याओं के अंकों से सम्बन्धित छड़ों को पास-पास रखकर गुणा- भाग कर लिया जाता था। जॉन नेपियर ने ही लागरिम (Logarithm) पद्धति का विकास किया, जिसके द्वारा गुणा या भाग बहुत ही आसानी तथा काफी शुद्धता से किए जा सकते थे। वास्तव में इस पद्धति के द्वारा गुणा की जाने वाली संख्याओं के अनुरूप ऐसी संख्याएं लागरिद्म तालिकाओं से निकाल ली जाती हैं, जिन्हें सिर्फ जोड़कर ही उन संख्याओं का गुणनफल ज्ञात किया जा सकता है।लागरिद्म पद्धति भी काफी थकाने वाली होती थी। इसलिए जर्मन वैज्ञानिक William Oughtred ने स्लाइड रूल यंत्र बनाया जिसके द्वारा गुणा/भाग के अलावा भी कई प्रकार की संगणनाएं तेजी से की जा सकती थीं। यह यंत्र वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों के बीच बहुत अधिक प्रचलित हुआ और 1970 तक इसका प्रयोग होता रहा। 1970 में पॉकेट कैलकुलेटर के प्रचलित हो जाने के बाद स्लाइड रूल अब लगभग अदृश्य ही हो गया है।इन यंत्रों के साथ-साथ स्वचालित रूप से संगणना करने के लिए भी मनुष्य प्रयास करता रहा। 1692 में ब्लेज पास्कल नामक 19 वर्षीय फ्रेंच युवक ने गियर्स की सहायता से विश्व का पहला यांत्रिक कैलकुलेटर बनाया।

वास्तव में मेधावी पास्कल के पिता पेरिस (रीयां) के टैक्स अधिकारी थे और रात-दिन अपने कार्य में लगे रहते थे जिसके कारण उनकी रीढ़ की हड्डी में असाध्य दर्द होने लगा था। पास्कल से अपने पिता का कराहना देखा न गया और वे इस प्रकार की स्वचालित मशीन बनाने में जुट गये जिससे उनके पिता के काम का बोझ कम हो सके। इस यंत्र का नाम पास्कलीन रखा गया। यह यंत्र एक साथ 6 व्यक्तियों के बराबर कार्य कर सकता था।पास्कलीन से प्रेरणा लेकर कई प्रकार के यांत्रिक कैलकुलेटर बनाए गए जिनमें लेबनिट्ज के कैलकुलेटर और चार्ल्स बैबेज के डिफरेंशियल तथा एनालिटिकल एन्जिन प्रमुख हैं।

निष्कर्ष

जिनमें पांच या उससे अधिक मनके (मोती) लगे होते हैं। इन मनकों को एक तरफ खिसका कर जोड़, घटाना, गुणा या भाग की संक्रियाएं की जाती हैं।

FAQ

Q. कंप्यूटर क्या है और उसका इतिहास?

A. कंप्यूटर – कंप्यूटर क्या है : कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो डेटा को स्वीकार करने, संग्रहीत करने, संसाधित करने और डेटा को परिणामों में परिवर्तित करने की क्षमता रखता है।

Q. कंप्यूटर का जनक कौन है?

A. चार्ल्स बैबेज एक अंग्रेजी बहुश्रुत थे वह एक गणितज्ञ, दार्शनिक, आविष्कारक थे और यांत्रिक इंजीनियर थे, जो वर्तमान में सबसे अच्छे कंप्यूटर प्रोग्राम की अवधारणा के उद्धव के लिए जाने जाते हैं या याद किये जाते है चार्ल्स बैबेज को “कंप्यूटर का पिता”(Father Of Computer ) माना जाता है।

Q. कंप्यूटर दिवस कब मनाया जाता है?

A. World Computer Literacy Day 2022: विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस हर साल 02 दिसंबर को मनाया जाता है।

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