प्रोबेशन और पैरोल पर टिप्पणी

By Arun Kumar

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परिचय – प्रिय पाठक इस पोस्ट के माध्यम से हम आप को परीवीक्षा (probation) क्या है? प्रोबेशन और पैरोल के लाभ हानि, तथा भारत में पेरोल के लाभ एवं हानियों पर एक समाजशास्त्रीय विचार क्या कहता है। पूरी जानकारी मिलेगी।

प्रोबेशन’ (Probation) अंग्रेजी शब्द है, जिसके लिए हिन्दी के ‘परिवीक्षा’ शब्द का प्रयोग किया गया है। प्रोबेशन शब्द लैटिन भाषा में ‘प्रोबेयर’ (Probare) से बना है, जिसका अर्थ परीक्षा लेने से संबंधित है। प्रोबेशन के लिए अनेक शब्द प्रयुक्त होते हैं। जैसे परीक्षा, परीक्षाकाल आदि। प्रोबेशन इस बात की ओर भी संकेत करता है कि यदि अपराधी प्रोबेशन काल में सदाचरण का प्रमाण नहीं दे पाएगा तो उसे सजा का भागी होना होगा। सामान्य शब्दों में हम कह सकते हैं कि यह अपराधियों के सुधार की एक प्रक्रिया है।

प्रोबेशन की परिभाषा – Definition of Probation

रीनमैन के अनुसार, “प्रोबेशन अपराधियों को सुधार का एक तरीका है, जिसमें अदालत द्वारा लगाई शतों के अनुसार सदाचरण करने पर वे मुक्त किए जाते हैं, प्रोबेशन अधिकारी के निरीक्षण के रखे जाते हैं।”

इलियट के अनुसार, “प्रोबेशन इस प्रकार दण्ड देने वाली संस्था से इस शर्त पर कि अपराधी अच्छा व्यवहार करेगा, मुक्ति मिलने को कहते हैं।”

सदलैण्ड के अनुसार, “प्रोबेशन दण्डनीय ठहराए गए अपराधी की उस समय की अवस्था है, जिसमें अपराधी की सजा को मुअत्तिल करा दिया गया है और जिसमें अच्छा व्यवहार बनाए रखने की शर्त केसाथ अपराधी को स्वतंत्रता दे दी जाती है। इसके साथ ही राज्य अपने व्यक्तिगत निरीक्षण के द्वारा अपराधी को अच्छा व्यवहार बनाए रखने में सहायता देने का प्रयास करता है।”

सदरलैण्ड के अनुसार प्रोबेशन का अर्थ किसी भी प्रकार क्षमादान नहीं है। इसमें तीन तत्त्वों का समावेश रहता है।

  • प्रोबेशन का पहला तत्त्व निरीक्षण हैं।
  • प्रोबेशन का दूसरा तत्त्व दिशा-निर्देशन है।
  • इसके साथ ही यदि प्रोबेशन पर छोड़ा गया व्यक्ति किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता का अनुभव करें तो राज्य सरकार उसे हर संभव सहायता देने का प्रयास करती है

सदरलैण्ड की परिभाषा में प्रोबेशन के तीन व्यवहारिक तत्त्व बतलाएँ

1. अपराधी को दण्ड नहीं दिया जाता है।

2. यदि दण्ड दिया जाता है, तो उसे कार्यान्वित नहीं किया जाता।

3. अपराधी का आचरण यदि नहीं सुधरता है, तो उसे दूना दण्डदे दिया जाता हैं

प्रोबेशन की विशेषताएँ – Features of Probation

  • प्रोबेशन का पहला तत्त्व सुधारात्मक है।
  • प्रोबेशन की स्थिति अपराधी को सजा सुनाने के बाद आती है।
  • प्रोबेशन में अपराधी को सजा का भुगतान नहीं करना पड़ता है, उसे सजा से मुक्त दिया जाता है।
  • सजा से मुक्ति करने के बदले में अपराधी से अच्छा आचरण बनाये रखने की आशा को जाती है।
  • प्रोबेशन में राज्य प्रोबेशन को हर संभव सहायता और निर्देश देने का प्रयास करता है।

प्रोबेशन के उद्देश्य – Objectives of Probation

  • प्रोबेशन नाम संस्था के जन्म और विकास में मूलतत्व यह है कि अपराध के लिए व्यक्ति उत्तरदायी नहीं है, अपितु समाज उत्तरदायी है।
  • 20 वी शताब्दी सुधार की शताब्दी है। अपराधेशास्त्र में भी इसी सुधारवादी दृष्टिकोण को आधार बनाया गया है। अपराध सामाजिक बुराई है, जिसका उन्मूलन किया जा सकता है।
  • प्रोबेशन दण्ड से पूर्व की स्थिति है। प्रोवेशन की स्थिति अपराधी को सजा सुनाने के बाद आती है।
  • अपराधी को प्रोवेशन पर छोड़ने के बाद वह दण्डमुक्त हो जाता हैं।

प्रोबेशन की उपयोगिता -The utility of probation

बार्स और टीटर्स ने प्रोबेशन की उपयोगिता को निम्न तीन भागों में विभाजित किया है-

(I) व्यक्तिके दृष्टिकोण से :

1. प्रोबेशन को अपना व्यवहार ठीक करने का एक और मौका प्रदान करना।

2. इस पद्धति के द्वारा प्रोबेशन उन समस्त जीवन-प्रतिमानों के अनुसार व्यवहार करता है, जो समाज द्वारा स्वीकृत है।

3. इस पद्धति की सहायता से जेल जाने के कलंक को समाप्तकिया जा सकता है।

(II) समुदाय की दृष्टि से :-

1. समुदाय के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, कि वह व्यक्ति के जीवन को ठोस योजनाओं एवं रचनात्मक कार्यों में समायोजित करने का अवसर प्रदान करता है।

2. अन्य संस्थागत विविधयों की तुलना में यह कम खर्चीली पद्धतिहै।

प्रोफेसर मैककोरमिक के मतानुसार प्रोबेशन के लाभ :-

1. इस पद्धति की सहायता से अपराधी के सुधार के औचित्य को सिद्ध किया जाता है।

2. प्रोबेशन व्यक्ति में परिवार के प्रति उत्तरदायित्व की भावना को जागृत करके पारिपारिक एकता को संगठित करता है।

3. प्रोबेशन में व्यक्ति समुद में रहता है।

4. प्रोबेशन अपराधी तथा सम। यह विचार करने का मौका देता है, कि अपराध सामाजिक परिस्थितियों को देन है।

5. प्रावेशन की सहायता से समाजीकृत न्याय की अवधारणा को बल मिलता है।

संयुक्त राष्ट् द्वारा प्रस्तुत प्रोबेशन के लाभ एवं उपयोगिता :-

1. प्रोवेशन के माध्यम से अपराधी मनोवृत्तियों में परिवर्तन किया जा सकता है।

2. प्रोबेशन के माध्यम से अपराधी को बंदीगृह में दूषित वातावरण से भी बचाया जा सकता है।

3. प्रोबेशन व्यवस्था में व्यक्ति को कुछ शर्तों का पालन करना पड़ता है, इससे अपराधी में अनुशासन की भावना का विकास होता है।

4. प्रोबेशन चिकित्सा की एक विधि है, जिसमें अपराधी को एक बीमार व्यक्ति मानकर उसकी चिकित्सा की जाती है।

5. प्रोबेशन व्यवस्था के द्वारा व्यक्ति अपने परिवार और समुदाय में रहता है, अतः परिवार, मित्र, और पड़ोस के व्यक्तियों में अपराधी छाप नहीं पड़ती है।

6. वह अपने परिवार के प्रति उत्तरदायित्त्वों को निभाने की स्थिति में होता है, जेल में रहकर वह ऐसा नहीं कर सकता।

7. प्रोबेशन के माध्यम से उन्हें सत्यपथ की ओर लाया जाता है और आदमी अपराधी बनने में रोक लगाई जाती है।

8. वह परिवार के सदस्यो, पड़ोसियों तथा मित्रों आदि का सहयोगप्राप्त करता है।

9. प्राबेशन बंदीगृह की अपेक्षा अधिक सत्ता भी है।

10. प्रोबेशन अधिकारी प्रोबेशन की सहायता तथा अनेक सुविधाएँ देता है, ये सुविधाएँ अन्य संस्थाओं द्वारा प्राप्त नहीं की जा सकती है।

प्रोबेशन से हानियाँ – Disadvantages of Probation

1. राजनीतिक दबाव के कारण कभी-कभी भयंकर अपराधियों को भी प्रोबेशन पर छोड़ दिया जाता है। इससे समाज को लाभ की उपेक्षा हानि होती है।

2. अपराध के लिए व्यक्ति उत्तरदायी नहीं है, अपितु अपराध कासमाज के वातावरण से सीधा संबंध है। यदि अपराधी को पुनः उसी वातावरण में छोड़ दिया जाएगा तो वह शीघ्र ही आदती अपराधी बन जाएगा।

3. प्रोबेशन अधिकारियों में उदासीनता और कर्त्तव्यनिष्ठा के अभाव में भी यह व्यवस्था असफल हो जाती है।

4. प्रोबेशन के बारे में पूर्ण सूचनाएँ प्राप्त नहीं की जाती है, इससे कीसुधार में बाधा आती है।

5. प्रोबेशन पर सामान्यता आदतन अपराधियों को छोड़ दिया जाता है, इससे की सुधार में बाधा आती है।

निष्कर्ष

प्रोबेशन’ (Probation) अंग्रेजी शब्द है, जिसके लिए हिन्दी के ‘परिवीक्षा’ शब्द का प्रयोग किया गया है। प्रोबेशन शब्द लैटिन भाषा में ‘प्रोबेयर’ (Probare) से बना है।

FAQ

Q. पैरोल और प्रोबेशन में क्या अंतर है?

A. प्रोबेशन शब्द का इस्तेमाल उन अपराधियों के लिए किया जाता है जिन्हें किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है लेकिन जिनकी जेल की सज़ा निलंबित है।

Q. कैदी को पैरोल कैसे दी जाती है?

A. पैरोल के तहत कैदी को अपनी सजा का कुछ हिस्सा समुदाय में बिताने की अनुमति मिलती है।

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Arun Kumar

MA, B.Ed & MSW

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