मल्टीमीडिया के विभिन्न प्रकार बताते हुए मल्टीमीडिया की अवश्यकता (बहुमाध्यम उपागम की आवश्यकता) को स्पष्ट कीजिए…

By Arun Kumar

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मल्टीमीडिया के प्रकार (Types of Multimedia): मल्टीमीडिया के कार्य करने के तरीकों को देखते हुए इसे मुख्यतः तीन भागों में बाँटा गया है-

(1) प्रिण्ट मीडिया (Print Media)-

इसके नाम से ही स्पष्ट है कि इसमें वे जानकारियाँ मिलती हैं जिन्हें आगे प्रसारित करना होता है। ये लिखित रूप में या छपाई के रूप में मिलती हैं।

इसके दो प्रकार हैं-

(i) लिखित (Text) – प्रिण्ट मीडिया (Print Media) के पहले प्रकार में जानकारी को लिखित रूप में हम तक पहुँचाया जाता है। उदाहरण के लिए यदि आपको कोई विजिटिंग कार्ड बनवाना है तो आप उसमें अपना और अपने निवास क्षेत्र का नाम, मोबाइल नम्बर, अपने कार्यक्षेत्र की जानकारी और अपना ई-मेल पता डालते हैं। यह समस्त जानकारी लिखित रूप में होती है और यही फिर उस व्यक्ति तक पहुँचती है जिसको आप यह कार्ड देते हैं।

(ii) चित्रित (Image) – चित्रित मीडिया में हम चित्र के माध्यम से जानकारी को2024 EXAMINATIONसमझ जाते हैं, जैसे-चित्र द्वारा ही हम सभी यन्त्रों आदि की रचना को जान सकते हैं।

(2) डिजिटल मीडिया (Digital Media) – डिजिटल मीडिया को प्रसारित करने केदो प्रकार हैं-

(i) श्रव्य (Audio) – श्रव्य जानकारी का सबसे अच्छा माध्यम है, रेडियो। इसके अलावा म्यूजिक इत्यादि भी इसी में आते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि आप कोई भी आवाज सुनते हों वह ऑडियो मीडिया में आती है। इसका प्रयोग सॉफ्टवेयर बनाने में भी बहुत किया जाता है।

(ii) दृश्य (Video)– दृश्य जानकारी में आप प्रतिदिन टेलीविजन पर समाचार देख सकते हैं या इसके अलावा फिल्म इत्यादि भी वीडियो मीडिया का ही हिस्सा होती है।

(3) इण्टरनेट या कम्प्यूटर के द्वारा बनी मीडिया (Computer/Internet Media)-

मल्टीमीडिया के प्रकार का अगला प्रकार कम्प्यूटर या इण्टरनेट है, जिसे CGI भी कहा जाता है।

CGI (Computer Generated Imagery)- इसे कम्प्यूटर ग्राफिक भी कहा जाता है और इसमें मुख्यतः एनीमेशन, कम्प्यूटर से बनाये गये vfx और sfx इत्यादि आते हैं।ये सब मल्टीमीडिया की आधारभूत जानकारी है जिसके आधार पर आप मल्टीमीडिया और उसके कार्यों को आसानी से समझ सकते हैं।

बहु-माध्यम उपागम की आवश्यकता (Need of Multimedia Approach)-

बहु-माध्यम उपागम के द्वारा अधिगम अनुभव अपने स्वाभाविक रूप से छात्रों को प्राप्त होते हैं। शिक्षा में बहु-माध्यम उपागम का अभिप्राय है- संचार की आधुनिक तकनीकियों का विधिवत् एवं सुचारु रूप से शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोग करना, जिससे व्यक्तिपरक शिक्षण को सुधार कर अधिगम को प्रभावशाली बनाया जा सके। बहु-माध्यम उपागम शिक्षक के हाथ में एक सबल उपकरण है।

बहु-माध्यम उपागम से छात्रों की थकान दूर होती है, एक ही विधा से उत्पन्न बोरियत खत्म होती है। इसमें अधिगम अनुभव आनन्ददायक होते हैं और प्रत्येक छात्र को अपनी योग्यता तथा गति के अनुसार अध्ययन के अवसर प्राप्त होते हैं। छात्र इस उपागम द्वारा सक्रिय रूप से कक्षा कार्य में रुचि लेते हैं तथा गहन अध्ययन में समर्थ होते हैं।

निष्कर्ष

भास्कर जोश में आप का स्वागत है इस पोस्ट के माध्यम से हम आप को मल्टीमीडिया विभिन्न मीडिया रूपों, जैसे पाठ, चित्र, ऑडियो, वीडियो और एनीमेशन को एक एकल प्रस्तुति में जोड़ता है। आदि के बारे में बताया गया है।

FAQ

Q. मल्टीमीडिया क्या है इसके विभिन्न अवयवों को लिखिए?

A. सूचना या मनोरंजन सामग्री को व्यक्त करने के लिए मीडिया के कई रूपों, जैसे कि टेक्स्ट, ग्राफ़िक्स, ऑडियो, वीडियो और एनीमेशन का उपयोग करना है।

Q. मल्टीमीडिया की 5 प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?

A. मल्टीमीडिया विभिन्न मीडिया रूपों, जैसे पाठ, चित्र, ऑडियो, वीडियो और एनीमेशन को एक एकल प्रस्तुति में जोड़ता है।

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Arun Kumar

MA, B.Ed & MSW

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