प्रयागराज : बिजली विभाग के ठेकेदार अजय यादव से 1.02 करोड़ की साइबर ठगी के मामले में पुलिस को अहम जानकारी मिली है। साइबर अपराधियों ने अलग-अलग बैंक के 12 खाते में पूरी रकम ली थी। बैंक खाते भी शहर से लेकर दूसरे जिले तक के बताए जा रहे हैं। साइबर थाने की पुलिस विद्युत विभाग के कतिपय अधिकारियों की संलिप्तता के बारे में भी छानबीन कर रही है।पुलिस का कहना है कि हनुमानगंज निवासी अजय यादव से करीब एक साल के भीतर अलग-अलग तिथि पर कुल एक करोड़ दो लाख रुपये की ठगी हुई थी।
सबसे पहले वाराणसी से खुद को विद्युत अधिकारी बनकर एक शख्स ने काल किया था। इसके बाद लखनऊ सचिवालय से विशेष सचिव शशांक त्रिपाठी बनकर उसे जाल में फंसाया। फर्म को काली सूची से बाहर निकलवाने और रोके गए भुगतान को दिलवाने का झांसा देकर₹5004200₹500 100001कई काम कराया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि साइबर ठगों ने अजय के साले नीरज को वाराणसी में पकड़ा और फिर गिरफ्तार करके जेल भिजवा दिया था। तफ्तीश में जुटी पुलिस को यह भी पता चला है कि साइबर अपराधियों ने कई फर्म और दूसरे नाम से खोले गए बैंक खाते में ठगी की रकम डलवाई थी।
गिरोह में कुछ स्थानीय लोगों के भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही है क्योंकि साइबर अपराधियों को सटीक जानकारी पीड़ितों के बारे में मिल रही है। इंस्पेक्टर साइबर थाना राजीव तिवारी का कहना है कि पूरे मामले की जांच चल रही है।