- • मार्च 2025 तक काम पूरा करने का था दावा, अब तक हुआ सिर्फ 68 फीसद
- एलीवेटेड और ग्रीन फील्ड का काम धीमा, निर्धारित तिथि पर ही काम होगा पूरा।
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे का काम मार्च 2025 तक पूरा नहीं हो सकेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) जो निर्धारित अवधि से चार माह पहले काम होने का दावा कर रहा था, अब वह अपनी निर्धारित तिथि जुलाई 2025 तक ही हो सकेगा। क्योंकि एक्सप्रेसवे का काम कर रही – कार्यदायी एजेंसियों की ढिलाई से काम की गति धीमी है। अभी तक एलीवेटेड और ग्रीन फील्ड का सिर्फ 68 प्रतिशत ही काम हो सका है। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक सौरभ चौरसिया ने बताया कि काम की रफ्तार धीमी है, ऐसे में जुलाई 2025 से पहले एक्सप्रेसवे का काम पूरा नहीं हो पाएगा।
वर्तमान में लखनऊ-कानपुर हाईवे पर जाम लग रहा है। निर्माण कार्य के कारण लाखों लोगों को मुश्किल उठानी पड़ रही है। स्थानीय लोगों का – व्यापार भी प्रभावित है। हालांकि एक्सप्रेसवे बनने के बाद लखनऊ से कानपुर का सफर 40 मिनट में पूरा होने का दावा किया जा रहा है। करीब 63 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे पर 18 किमी. एलीवेटेड रोड और 45 किमी. ग्रीन फील्ड का काम चल रहा है। बता दें कि सरोजनीनगर से बनी तक एक्सप्रेसवे एलीवेटेड रोड पर रहेगा। इसके बाद ट्रांस गंगा सिटी तक इसे ग्रीन फील्ड बनाया जा रहा है। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए ग्रीन फील्ड को आठ लेन भी कियाजा सकेगा। हालांकि प्राधिकरण अफसरों का दावा है कि लखनऊ कानपुर हाईवे की मरम्मत से जुड़ा काम शुरू कर दिया गया है।
औद्योगिक कारिडोर से खुलेंगे विकास के दरवाजे
लखनऊ-कानपुर के बीच एक्सप्रेस वे अलावा उन्नाव भी राज्य राजधानी क्षेत्र बनने से केवल सफर ही आसान नहीं का हिस्सा है। उत्तर प्रदेश औद्योगिक होगा बल्कि राज्य राजधानी क्षेत्र के गठन के बाद औद्योगिक कारिडोर बनने से विकास और समृद्धि के दरवाजे भी खुलेंगे। लखनऊ के विकास प्राधिकरण लखनऊ-कानपुर के बीच इंडस्ट्रियल काररिडोर विकसित करेगा। इससे रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे