प्रयागराज। आइटीआर दाखिल करने वालों के तथा जिनके खातेमें एक वर्ष में तीन लाख रुपये से ज्यादा का टूजिक्शन हुआ है. उनके राशन कार्ड निरस्त हो गए हैं। ऐसे लगभग 27 हजार लोगों के राशन कार्ड निरस्त हुए हैं। ऐसा नहीं है कि इनमें सभी अपात्र ही हैं। जिनके राशन कार्ड निरस्त हुए हैं, उनमें काफी ऐसे भी लोग हैं, जो पात्र हैं। उनके खाते में जमीन बेचने की राशि दी गई ये अथवा किसी अन्य व्यक्ति ने ट्रोलवशन किया हो।
यही नहीं आइटीआर दाखिल करने का भी यह मतलब नहीं हो गया कि पात्र अव अपात्र हो गया है। यही नहीं 10-20 हजार रुपये का छोटा-मोटा कर्ज लेने पर भी राशन कार्ड निसरत हुआ है,जिससे पात्रता घर फर्क नहीं पड़ता है। जो पात्र हैं और उनकाराशन कार्ड निरस्त हुआ है तो वे इस पर आपति दर्ज करा सकते हैं।
केवाईसी के नाम पर 200 रुपये की हो रही वसूली
कालिंदी पुरम स्थित काशीराम आवास योजना के कोटेदार अतुल कुमार के यहां काम करने वाले पप्पू पर आरोप लगाया गया कि वह केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर 200 रुपये की अवैध वसूली कर रहा है। संयुक्त आयुक्त ने बताया कि केवाइसी निश्शुल्क ही होता है, इसके लिए पैसे देने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने इस मामले की जांच कराकर कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया है।
आपूर्ति विभाग के कार्यालय में दर्ज कराएं आपति:
शहरी क्षेत्र में आपूर्ति विभाग के प्रखंड कार्यालय में और ग्रामीण क्षेत्र में तहसील मुख्यालय स्थित आपूर्ति निरीक्षक के दफ्तर में आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। आपत्ति को जांच कराई जाएगी और पात्रता सही पाई गई तो दोब्बरा राशन कार्ड उतनी यूनिट का बनाया जाएगा। संयुक्त आयुक्त ने बताया कि यह प्रक्रिया बिल्कुल भी कठिन नहीं है। यह बेहद आसन प्रक्रिया है. इसलिए जो भी पात्र हैं और उनका राशन कार्ड निरस्त हुआ है तो वे आपत्ति दर्ज करा सकते 12 राशन कार्ड कर दिया सरेंडर, फिर भी गल्ला देने का आ रहा मैसेज फर्जी तरीके से अपात्रों द्वारा राशन कार्ड बनवाने के प्रकरण तो अक्सर सामने आते हैं मगर कोई राशन कार्ड खुद ही सरेंडर कर दे, यह शायद ही सुनाई पड़ा हो। भास्कर जोश के प्रश्न पहर कार्यक्रम में मोहत्सिमगंज के हरिओम ने कॉल किया। बताया कि उनका राशन कार्ड कई दशक पहले बना था।
वर्ष 2018 में उनकी आर्थिक स्थिति ठीक हो गई और उन्हें लगा कि वह इसके पात्र नहीं है तो उन्होंने अपना राशन कार्ड सरेंडर कर दिया।उन्होंने बताया कि राशन कार्ड सरेंडर करने के बाद भी उनके मोबाइल पर हर माह 40 किलो गल्ला उनके राशन कार्ड पर वितरित किए जाने का मैसेज आता है।
कोटेदार अशोक कैशरवानी से कई बार शिकायत को मगर खाद्यान्न वितरण बंद नहीं हुआ। बताया कि वह तो लेते नहीं तो उनके नाम पर राशन कौन ले रहा है तथा कोटेदार क्यों दे रहा है. इससे वह परेशान हैं।