महंगा हो सकता है बिजली का कनेक्शन लेना

By Arun Kumar

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लखनऊ: बिजली की दरें भले ही बढ़ने की उम्मीद नहीं , लेकिन बिजली का कनेक्शन लेना जरूर महंगा हो सकता है। पावर कारपोरेशन ने लाइन चार्ज की दरों को बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में दाखिल कया है। दाखिल प्रस्ताव को आयोग की हरी झंडी मिलने पर घर से लेकर दुकान तक के बिजली कनेक्शन का पर्चा दोगुणा से अधिक बढ़ जाएगा।

भारत सरकार ने विद्युतीकृत क्षेत्र लिए 150 किलो वबाट तक के बजली उपभोक्ताओं के कनेक्शन चार्ज को फिक्स करने का कानून बनाया है। कानून के तहत बनने वाली नई कास्ट डाटा बुक (बुक में विभिन्न विद्युत सामग्री की दर होती है) के संबंध में नियामक आयोग ने ब्रिजली कंपनियों व पावर कारपोरेशन से प्रस्ताव मांगा था। इस पर कारपोरेशन की ओर से नियामक आयोग में दाखिल प्रस्ताव में घरेलू बिजली कनेक्शन की दरों में 100 प्रतिशत तक वृद्धि प्रस्तावित की गई है।

गौर करने की बात यह है कि मौजूदा कास्ट डाटा बुक के तहत विद्युतीकृत क्षेत्र में पोल से 40 मीटर के दायरे में कनेक्शन के लिए प्रोसेसिंग फीस, सिक्योरिटी डिपाजिट, लाइन चार्ज, मीटर कास्ट को जमा कराकर कनेक्शन दिया जाता है। अब पावर कारपोरेशन ने 40 मीटर की परिधि को प्रस्ताव में न रखते हुए 100 मीटर तक के दायरे के लिए बढ़ाकर लाइन चार्ज प्रस्तावित किया है। 100 मीटर तक के दायरे में दो किलोवाट के कनेक्शन के लिए लाइन चार्ज 1500 रुपये प्रस्तावित है।

जबकि अब तक पोल से 40 मीटर तक की परिधि में आने वाले कनेक्शन के लिए 150 रुपये ही लाइन चार्ज है।इसी तरह तीन से चार किलोवाट के लिए 3500 रुपये रखा गया है जो कि अभी 398 रुपये है। पांच से 10 किलोवाट के लिए 10,000 रुपये प्रस्तावित है जबकि अभी 2036 रुपये है। इसी तरह 11 से 15 किलोवाट के लिए 20,000 और 51 किलोवाट से 150 किलोवाट के लिए 1,22,000 रुपये लाइन चार्ज प्रस्तावित किया गया है। 100 से 250 मीटर और उससे ऊपर के कनेक्शन के लिए भी लाइन चार्ज में जबरदस्त बढ़ोत्तरी प्रस्तावित की गई है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि यदि आयोग ने कारपोरेशन के प्रस्ताव को मान लिया तो नया कनेक्शन 100 प्रतिशत से ज्यादा महंगा हो जाएगा। वर्मा ने कहा कि वह इस प्रस्ताव को सप्लाई कोड रिव्यू पैनल की सब कमेटी की बैठक में पारित नहीं होने देंगे। प्रस्ताव के संबंध में वर्मा ने बुधवार को आयोग के अध्यक्ष अरविन्द कुमार से मुलाकात कर कहा कि इस जनविरोधी प्रस्ताव को वापस लिया जाए।

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Arun Kumar

MA, B.Ed & MSW

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