बेवजह तो बागी नहीं बन रहे हैं बेजुबान..

By Arun Kumar

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लखनऊ : बहराइच में भेड़ियों के हमले, लखीमपुर मेंनरभक्षी बाघ, पीलीभीत में आबादी में घूमते तेंदुए तो अमेठी में सियारों के आतंक से लोग हलकान हैं। कतर्निया और दुधवा के जंगलों के आसपास बाघ और हाथियों के हमले तो अक्सर होते रहते हैं, लेकिन पिछले एक माह में भेड़ियों और सियारों के आक्रामक रुख से वन्यजीव विशेषज्ञ भी चकित हैं।

तीन माह के अंदर बहराइच में भेड़ियों ने 10 को बनाया निशाना

तीन माह के अंदर बहराइच में भेड़ियों ने 10 लोगों को मार डाला। मानव और वन्यजीव संघर्ष की सबसे बड़ी वजह जंगलों में मानव का बढ़ता दखल है। वन विभाग के अधिकारी भले मनुष्यों पर बढ़े हमले के पीछे बारिश की वजह से जानवरों का बाहर निकलना बता रहे हैं, मगर सच्चाई यह भी है कि 15 अक्टूबर के बाद जब गन्ने की कटाई शुरू होगी तो केन टाइगर (गन्ने के खेतों में रह रहे बाघ) बड़ा खतरा बनेंगे।

बाघों की संख्या बढ़ी है, लेकिन उस अनुपात में उनको अपना क्षेत्र नहीं मिल पा रहा है। एक वयस्क बाघ को 15 से 20 किलोमीटर का एरिया चाहिए और दुधवा टाइगर रिजर्व के 250 एकड़ बफरजोन में ही अतिक्रमण है। दुधवा में पिछले साल हुई गणना के मुताबिक 135 बाघ जंगल में हैं, लेकिन असली चुनौती बफरजोन के बाघ हैं जो गणना में शामिल नहीं होते।

तत्कालीन फील्ड डायरेक्टर ने बताया

तीन साल पहले तत्कालीन फील्ड डायरेक्टर रमेश पांडेय ने बताया था कि लगभग 40 बाघ बफरजोन में हैं। इसके अलावा बूढ़े बाघों को जब युवा बाघ खदेड़ते हैं तो वह बफरजोन और गन्ने के खेतों में डेरा डालते हैं। यहां पर बाघों की उपस्थिति से तेंदुए और भेड़िए भोजन के लिए आबादी का रुख करते हैं।

वन्य जीव विशेषज्ञ ने बताया

वन्य जीव विशेषज्ञ कृष्ण कुमार मिश्र कहते हैं कि वन्य जीवों के जीवन में दखल के बाद हम कहते हैं कि वह हमला कर रहे हैं। जानवरों को पकड़कर चिड़ियाघरों में कैद करना समाधान नहीं। जंगलों में अतिक्रमण हटाने के सवाल पर पिछले दिनों बहराइच आए वनमंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने भी चुप्पी साध ली थी।

चार बाघों की मौत

पिछले वर्ष दुधवा नेशनल पार्क और बफरजोन इलाके में चार बाघों की मौत हुई। इस वर्ष दक्षिण खीरी वन प्रभाग में दो बाघों की मौत हुई। कतर्नियाघाट में भरथापुर गांव तो कोर जोन में बसा हैं, जिसे हटाने के प्रयास अब तक सफल नहीं हो सके हैं। बीते दो साल का आंकड़ा का ही ले लें, इस प्रभाग में 30 से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं जबकि 100 से अधिक घायल हो चुके हैं।

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