प्रयागराज : सामान जल्दी समेटो, भारी सामान दूसरे मंजिल पर रख दो और हल्के सामान गाड़ी में रख कर यहां से जल्द निकलो नहीं तो पानी में सब बर्बाद हो जाएगा। गंगा का जलस्तर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। यह पानी कहां से आ गया है समझ में नहीं आ रहा है।
उम्मीद थी कि इस बार बाढ़ नहीं आएगी लेकिन ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर है। हर वर्ष की तरह इस बार भी भगवान किरायेदार बना कर ही छोड़ेंगे। कुछ इसी तरह से गंगानगर मोहल्ले के शिवशंकर सिंह और महेंद्र कुमार अपने घर वालों से कहते हुए सामान समेटने में जुटे रहे। यह दो नाम तो बानगी भर हैं जिनका मकान बाढ़ की चपेट में आने के बाद वह किरायेदार बन जाते हैं।
गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने से अशोक नगर, नेवादा, बेली गांव फाफामऊ, बघाड़ा, अल्लापुर, रामघाट, काली घाट, ककरहा घाट, बरगद घाट डूब सलोरी, मऊ कछार, गंगानगर व नेवादा, दरियाबाद, सदियापुर में नदी किनारे की गलियों में पानी घुस गया। कई मकान भी बाढ़ की जद में आ गए। इसी तेजी से जलस्तर बढ़ता रहा तो 30 हजार से अधिक परिवार खुद का घर छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे। आलीशान मकान होने होने के बावजूद हर बार की तरह इस बार भी किराए के मकान में रहने को मजबूर हो जाएंगे। गंगानगर में शिवशंकर ओझा, रामेश्वर प्रसाद, महेंद्र कुमार, दीप निषाद का मकान तीन मंजिला है लेकिन यह सब बारिश के दौरान दो माह के लिए अपने ही शहर में किरायेदार बन जाते हैं।
नगर निगम ने वाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए वनाई 12 विशेष टीम
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कीटनाशक और फागिंग के लिए स्पेशल 12 टीम बनाई गई है। यह टीम जलभराव वाले स्थानों पर सुबह और शाम फागिंग के साथ एंटी लार्वा का छिड़काव करेंगी। नगर निगम की ओर से जलस्तर कम होने के बाद अक्सर टीम लगाई जाती है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अभिषेक सिंह की ओर से विशेष टीम बना दिया गया है।